जब प्यार पड़ने लगे फीका

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वैलेंटाइन्स का यह महीना आम तौर पे प्रेमी जोड़ों के लिए उत्साह और रोमांस से भरपूर होता है. वैसे तो हर दिन प्यार करने वालों के लिए रोमांचक होता है, परन्तु यह महीना उस प्यार का जश्न मनाने का एक बहाना भर है. किस डे, हग डे, चॉकलेट डे, इत्यादि के बहाने हम अपने साथी को जी भरके पम्पेर करने का कोई मौका नहीं छोड़ते. एक दुसरे को रोमांटिक तोहफे देके और अपने दिल की बात कहके, अपने प्यार को और मजबूत कर लेते हैं. जहां एक तरफ यह महीना प्यार की बहार लेके आता है, वहीँ जिन जोड़ों के बीच तनाव है, उन्हें अपने सूनेपन का एहसास भी कराता है. जब सभी तरफ लाल रंग छाया हो, तो फीका पड़ता अपना प्यार आँखों को और अखरने लगता है. लाल गुलाब की मीठी सुगंध के सामने, नीरस होता अपना प्यार रूह को और चुभने लगता है.

कभी कभी तो केवल समय के कारण रिश्ते बेजान से हो जाते हैं. उम्र और समय के साथ हम अपने साथी के साथ वक़्त बिताना काम कर देते हैं और हमारे बीच का रोमांस कहीं गायब हो जाता है. अक्सर आपसी असहमति के कारण भी रिश्ते की गाडी सुचारू रूप से नहीं चल पाती. दोनों साथी इस असहमति को अपने रिश्ते की किस्मत मानकर प्रयास करना बंद कर देते हैं और धीरे धीरे एक दुसरे से दूर होते जायते हैं. नाते रिश्तेदारी में चल रहे तनाव की वजह से भी मन खट्टा हो सकता है. ऐसे अनेक कारणों से आपका वैलेंटाइन्स डे बोझिल हो सकता है. परन्तु आप निराश न हों. कुछ साधारण बातों को अपना के आप अपने रिश्ते को एक नयी ऊर्जा दे सकते हैं.

समस्या को समझें

अपने साथी से आपसी कड़वाहट की वजह के बारे में चर्चा करें. उनके सामने शान्ति से अपना पहलू रखें और उनकी बात भी धैर्य से सुनें. बात करने के लिए कोई ऐसा वक़्त चुनें जब आप दोनों अकेले हों और आपके साथी अच्छे मूड में हों. यदि आप उनके साथ अकेले घूमने गए हों तो भी अपनी बात कर सकते हैं. याद रखें क़ि किसी भी समस्या का समाधान तभी हो सकता है जब उसके कारण को जान लिया जाए. और अगर समस्या आपके रिश्ते में है, तो उसका कारण भी आप दोनों ही बेहतर समझ सकते हैं.

नकारात्मक सोच से बचें

अक्सर लोग यह सोचकर अपनी बात नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके साथी क्रोधित हो जाएंगे और इससे बात और बिगड़ जायेगी. हालांकि कुछ परिस्थितियों में ऐसा हो सकता है, अमूमन लोग विनम्रता और सरलता से कही गयी बात को शांत मन से सुन पाते हैं. यदि आपके साथी आपकी बात सुनकर हमेशा बिगड़ते हैं तो हो सकता है की आपके  बात करने के तरीके में ही कोई दोष हो. ऐसे में पहले आपको अपने लहजे पे काम करना चाहिए. ज़्यादातर परिस्थितियों में हमारा डर बेबुनियाद होता है. इसलिए हिम्मत करके, सकारात्मक सोच रखते हुए, प्रयास अवश्य करें.

दूसरों को करें शामिल

प्रेम सम्बन्ध व्यक्ति का निजी मसला होते हैं. किसी भी जोड़े के बीच किसी दुसरे का आना आम तौर पे सही नहीं होता. अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को अपने बीच की बात में न ही शामिल करें तो बेहतर होगा. आम तौर पे, ऐसा करने से समस्या और बढ़ जाती है.  बात करते हुए भी एक दुसरे के परिवार या दोस्तों को दोष न दें. ऐसा करने से किसी भी रिश्ते पे बेहद खराब असर पड़ता है.

साथ में वक़्त बिताएं

एक दुसरे के साथ ढेर सारा वक़्त बिताएं, जैसे आप अपने रिश्ते की शुरुआत में बिताते थे. वो सभी चीज़ें जो आपका पहले साथ करना पसंद था, फिर से करें. साथ घूमने, डिनर करने, सिनेमा देखने जाएँ. यदि रिश्ते में कड़वाहट बहुत बढ़ चुकी है तो पहले केवल दोस्ती के रिश्ते को मजबूत करने पे ध्यान दें, प्यार अपने आप बढ़ जाएगा.

मतभेद को करें स्वीकार

यद्यपि पुरुष और महिलाओं में उतने अंतर नहीं होते जितने हम समझते हों, परन्तु उनकी सोच कुछ मुद्दों पे भिन्न ज़रूर होती है. महिलाएं आम तौर पे ज़्यादा भावनात्मक होती हैं और अपने प्रेम जीवन में रोमांस की कल्पना करती हैं. पुरुषों की सोच ज़्यादातर यथार्थवादी होती है और वो “फ़िल्मी प्यार” में काम ही यकीन रखते हैं. ऐसे में यह समझना आवश्यक है की प्रेम व्यक्त करने के तरीके अलग अलग हों तो भी उनका सम्मान करना ज़रूरी है. आपके साथी की सोच भी हूबहू आपकी सोच जैसी होगी, इस बात की अपेक्षा न करें.

खुलकर अपनी अपेक्षाएं बतायें

अक्सर पत्नियों की शिकायत होती है की पति उन्हें वक़्त नहीं देते. पर क्या वो कभी स्पष्ट रूप से अपने पति को बताती हैं की रोज़ाना कितना वक़्त देने पे वह संतुष्ट रहेंगी? प्रेमी जोड़े अक्सर कई बताओं पे लड़ते हैं, जैसे “तुम कभी मेरे परिवार वालों की इज़्ज़त नहीं करती”, या “आप कभी कहीं बाहर जाके मुझे याद नहीं करते”. पर वे कभी अपने साथी को ये नहीं बताते कि उनके साथी के किस तरह के व्यवहार से उन्हें महसूस होगा की वह उनके परिवार का सम्मान कर रहे हैं. या पति के कितनी बार कॉल या मैसेज करने पे पत्नी संतुष्ट हो सकेगी की वह उन्हें याद कर रहे हैं. आखिर अपेक्षा आपकी है तो आपको ही तो बताना होगा. आपका साथी आपके कितने भी करीब क्यों न हो, आपका मन नहीं पढ़ सकता.

अपने साथी से अपने रिश्ते की हर अच्छी बात की बार बार सराहना करें. साथ ही रिश्ते की कमियों पे चर्चा कर मिलके समाधान निकालें. हर छोटी बात को लेके अपनी अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते रहें. मतभेद हो तो कोशिश करें कि कोई बीच का रास्ता निकालें ताकि आप दोनों खुश रह सकें. बस ज़रा सी समझदारी और साझेदारी से आपका वैलेंटाइन्स डे भी खुशनुमा और रोमांचक बन सकता है.

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